राफेल के रुप पांच पांडव फिर मातृ भूमि की रक्षा करने को तैयार
देश के अंबाला एयरबेस पर भव्य स्वागत देश के लिए गौरव का क्षण व चारों ओर खुशी का माहौल
आज भारत के लिए गौरव की बात है कि देश में एक साथ पांच राफेल विमान उसे महाभारत के पांच पांडव की तरह मिले । समूचे देश के लिए गर्व का विषय है। यह एक ऐसा क्षण है जिसका बड़ी बेसब्री से प्रत्येक भारतीय इंतजार कर रहा था। आज वह दिन आ ही गया।
फ्रांस से लगभग 7000 किमी की लंबी दूरी तय कर पांच राफेल विमान आसमान में गौरवशाली उड़ान भर हरियाणा के अंबाला एयरबेस पहुंच चुके हैं । दोपहर करीब 1:30 बजे राफेल ने अबुधाबी से उड़ान भरी थी। अंबाला एयरबेस पर उतरते ही पांच राफेल लड़ाकू विमानों को वॉटर सैल्यूट दिया गया । एयरबेस पर मौजूद वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने राफेल विमानों का भव्य स्वागत किया । राफेल विमान को अंबाला एयरबेस पर वायुसेना में शामिल होने के बाद उन्हें तुरंत चीन सीमा पर तैनात कर दिया जाएगा । जैसे ही राफेल विमान ने भारतीय सीमा में प्रवेश किया , अरब सागर में तैनात युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने राफेल का स्वागत किया ।
जानकारी के मुताबिक अंबाला एयरबेस में राफेल फाइटर जेट्स की पहली स्कॉवड्रन तैनात होगी । 17वीं नंबर की इस स्कॉवड्रन को ‘गोल्डन-ऐरोज़’ नाम दिया गया है । इस स्कॉवड्रन में 18 रफाल लड़ाकू विमान होंगे–तीन ट्रैनर और बाकी 15 फाइटर जेट्स ।
3700 मारक क्षमता वाला विमान 6 सुपरसोनिक मिसाइल और लेजर गाइडेड बम लेकर उड़ सकता है । राफेल लगातार 10 घंटे तक उड़ान भर सकता है ।
भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था । पांचों राफेल विमान करीब 48 घंटे बाद भारत पहुंच गए । राफेल की 1389 प्रति घंटा की स्पीड होने के बावजूद उन्हें भारत आने में करीब दो दिन लगे , दरअसल ये विमान फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके आ रहे है । राफेल विमानों को फ्रांस के मैरिग्नैक से अंबाला आने में ज्यादा वक्त इसलिए लगा है, क्योंकि फाइटर जेट्स हालांकि सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरते हैं, लेकिन उनमें फ्यूल कम होता है और वे ज्यादा दूरी तय नहीं कर पाते हैं ।