



पांच पहाड़ियों से घिरी बिहार में नालंदा के राजगीर की वादियाँ एक ओर जहां कई मनमोहक और ऐतिहासिक धरोहरों को अपने आप में प्रकृति की अनुपम सुंदरता समेटे है। बिहार में राजगीर को टूरिस्टों का पसंदीदा पर्यटन स्थल माना जाता है। यही वजह है कि ना सिर्फ देश के कोने-कोने से बल्कि विदेशों से भी लोग राजगीर घूमने आते हैं। भगवान बुद्ध की विरासत और भारतीय इतिहास को अपने में समेटे ये शहर पूरे राज्य में आकर्षण का केंद्र है ।
वहीं, दूसरी ओर राजगीर नए साल में बिहार वासियों को नए-नए सौगात देने वाला है । बिहार के राजगीर में देश का दूसरा और बिहार का पहला ग्लास ब्रिज बन कर तैयार हो चुका हैं ।
यह शीशे का ब्रिज या ग्लास ब्रिज चाइना के ग्लास ब्रिज से मिलता-जुलता है, जहां पर ब्रिज को दो पहाड़ियों से जोड़ा गया है और उसमें पर्यटन वासी उसके अंदर से होकर गुजरते हैं वह प्रकृति का लुत्फ उठाते नजर आते हैं कुछ उसी तरह से राजगीर में इस ब्रिज को बनाया गया है साथ ही जो तकनीक प्रयुक्त की गई है वह भी लगभग एक समान ही है। अब विहार में व पर्यटन का आंनद लेने वाले पर्यटकों व सब देशवासियों को 2021 का इंतजार है जिसके तहत यहां पर पर्यटन चालू होगा और आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी जिसके बाद आसपास के इलाके का विकास होगा और साथ ही परिवहन का विकास होना तय है।
देश के पूर्वोत्तर भारत में यह पहला ग्लाज ब्रिज है जिसे पर्यटकों के लिए बिहार की नीतीश सरकार ने तैयार कराया है। इसका मुख्य मकसद पूरे राजगीर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना है । इस ग्लास ब्रिज को चीन के हांगझोऊ प्रांत में बने 120 मीटर ऊंचे कांच के पुल की तर्ज पर बनाया गया है ।इस ग्लास पुल की सुंदरता बढ़ाने के लिए इसे वेणुबन से सजाया जा रहा है । इस पुल पर चलते हुए आप अपने कदमों के नीचे की धरती की सुंदरता को निहार पाएंगे । राजगीर को अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है । यहां जू सफारी, तितली पार्क, आर्युवेदिक पार्क और देश-विदेश के अलग-अलग प्रजातियों के पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं जो आम तौर पर कहीं और नहीं दिखता है ।