हरियाणा में महापंचायत में सभा को संबोधित करने के दौरान किसान नेता मंच टूटने से नीचे गिरे

अनुभव अवस्थी
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं का हरियाणा के जींद महापंचायत का मंच टूट गया।कंडेला गांव में आयोजित किसान महापंचायत में मंच टूटने से हड़कंप मच गया। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और अन्य संगठन के किसान नेता भाग ले रहे थे। राकेश टिकैत समेत अन्य किसान नेता मंच पर ही मौजूद थे। इस घटना में किसान नेता बाल-बाल बच गए। इस घटना से वहां थोड़ी देर हड़कंप मच रहा। मंच टूटने के बाद राकेश टिकैत और पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवााल सहित कई नेता मंच के साथ नीचे गिर गए। गनीमत रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। बताया गया कि अधिक संख्या में लोगों के मंच पर चढ़ जाने के कारण यह टूटा।
आज किसान नेताओं के हरियाणा के जींद महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास हुए हैं। इसमें सबसे अहम तीनों कानूनों की वापसी का प्रस्ताव है। दूसरा एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर है, वहीं तीसरा स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू कराने की बात कही गई है, चौथा दिल्ली में पकड़े गए ट्रैक्टर व लोगों की रिहाई से जुड़ा है और पांचवा किसानों के कर्ज माफ हों। और हरियाणा के किसानों से दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने की अपील की।
कंडेला गांव के राजीव गांधी खेल स्टेडियम में आयोजित महापंचायत में आज 50 से ज्यादा खापों के हजारों की संख्या में किसानों ने भाग लिया। सुबह से ही आस-पास के किसान स्टेडियम में इकट्ठा होना शुरू हो गए थे।मंच का संचालन करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तक तो किसानों ने कृषि कानूनों की वापसी की बात कही है, अगर गद्दी वापसी की बात की तो सरकार क्या करेगी। टिकैत ने किसानों से अपील की कि शांतिपूर्वक आंदोलन चलाएं।
राकेश टिकैत ने महापंचायत में कहा कि सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि युद्ध में कभी घोड़े नहीं बदले जाते। सरकार से बातचीत के लिए जो 40 किसानों की कमेटी बनाई गई है, उसके सदस्य नहीं बदले जाएंगे। कमेटी भी वही रहेगी और इसके सदस्य भी वही रहेंगे। ऑफिस भी पहले जहां था, वहीं रहेगा। किसानों को भाकियू नेता गुरनाम चढ़ूनी, बलवीर राजेवाला ने भी संबोधित किया। वहीं सभा के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि पंचायत में मंच टूट गया, अच्छा हुआ, भाग्यवान लोगों के मंच टूटते हैं… ये लोग भी वही हैं, ये ट्रैक्टर भी वही हैं। वचन वही है हमारे 40 लोग (संयुक्त किसान मोर्चा) ही फैसला करेंगे, सरकार से बातचीत करेंगे।