डुंगरिया गांव के डैम में पड़ी दरार, इंजीनियर बोले कल देख लेंगे

सरपंच का आरोप, मौके पर समय से नहीं पहुंचे अधिकारी
भारत भूषण,अमित सेन की रिपोर्ट
भोपाल। भारी बारिश के चलते नदी तालाब और बांधों का जलस्तर बढ़ने से कई क्षेत्रों से अप्रिय सूचनाओं के बाद बैरसिया क्षेत्र के डुंगरिया गांव में बने डैम की पार में दरार आने की खबर से सनसनी फैल गई। हालांकि एसडीएम और जल संसाधन विकास के एसडीओ ने दरार को दुरस्त करने और स्थिति नियंत्रण में होने की बात कही है।
दरअसल जिले के बैरसिया के गरेठिया जलाशय डैम जो डुंगरिया गांव के ऊपर में है इस डैम में गुरुवार को लगभग 15 से 20 फिट की दरार पड़ गई। जिसकी सूचना डैम के चौकीदार ने ग्राम पंचायत डुंगरिया के सरपंच गंगाराम प्रजापति को दी। सरपंच के अनुसार उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को डैम में दरार आने की बात से अवगत कराया, लेकिन मौके पर कोई अधिकारी उस दिन नहीं पहुंचे। सरपंच गंगाराम का कहना है कि जब उन्होंने सब इंजिनियर जे.के. शर्मा को जानकारी दी तो, सब इंजीनियर ने सुबह आकर देख लेने की बात कह अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। दूसरे दिन कुछ ग्रामवासियों के साथ सरपंच जब वहां पहुंचे तब भी कोई जिम्मेदार वहां नहीं पहुंचा। इसके बाद मीडिया के माध्यम से बैरसिया एसडीएम को सूचना दी गई। बैरसिया एसडीएम आदित्य जैन तत्काल मौके पर पहुंचे और सिंचाई विभाग के आला अधिकारी कर्मचारियों को फोन पर फटकार लगाई इसके कुछ समय बाद सब इंजिनियर जेके शर्मा डैम पर पहुँचे। डेम में पड़ी दरार के सुधार कार्य के लिए आनन फानन में 10 से 12 ट्राली मिट्टी से उस दरार को बन्द किया। वहीं सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, सनद रहे कि मौके पर समय से नहीं पहुंचने से कोई बड़ी घटना बन सकती थी। इस मामले की जानकारी लेने सब इंजिनियर जेके शर्मा से सूचना मिलने के बाद भी समय पर न पहुंचने का कारण पूछा तो उन्होंने जेसीबी और लेबर का इंतजाम करने का टका सा जवाब देकर फोन काट दिया।
लेकिन पिचिंग के किनारे खड़े बड़े बड़े कंजी नीम आदि के पेड़ों के आसपास साफ-सफाई न होने, और डैम की पार में मौजूद दो से तीन फिट गहरे गड्ढे जिम्मेदारों के कर्तव्य निर्वहन की पोल खोल रहे हैं। गड्ढों और अव्यवस्था के चलते डैम के रास्ते पर चलना मुश्किल हो रहा है, एवं पानी के बहाव की साइड भी पत्थरों से बनी पिचिंग भी बैठक ले चुकी है। जिसपर सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की और मामले को मिट्टी डालकर वहीं पर रफा-दफा कर दिया। इस स्थिति में अगर पिछले दिनों जैसी बारिश होती है तो नीचे की बस्ती के गावों में निवास करने वाली आबादी को बहुत बड़ा खतरा हो सकता है।
अब देखना ये भी है कि इस मामले में गैर ज़िम्मेदारी दिखाने वाले तथाकथित जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही होगी, या उनकी हरकतों पर भी वैसे ही मिट्टी डाल दी जाएगी जैसे डैम की पार में पड़ी दरार पर डाल दी गई है।