उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने शंखनाद कर दिया

अनुभव अवस्थी
उत्तर प्रदेश में आस लगाए बैठे पंचायत चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने आज शंखनाद कर दिया है। इस चुनाव से पार्टियों की उनकी स्थति और जनता के बीच पकड़ का आकलन किया जा सकेगा । जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टियां अपनी छवि व पकड़ को मजबूत बनाने का काम कर सके । ये चुनाव सभी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव के माध्यम से वह अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए पूरी ताकत से सम्पर्क करेंगे।
देश की राजनीति की दिशा तथा दशा तय करने वाले उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार चुनने की तैयारी का बिगुल बज गया है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कार्यक्रम तय कर दिया है। उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान समेत सभी पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसको देखते हुए भले ही कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अभी चुनाव की तारीख घोषित तिथि घोषित नहीं की गई है, लेकिन आज से औपाचारिक शुरुआत हो गई है।
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के जारी आदेश के क्रम में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए एक अक्टूबर से मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू होगा। आज यानी 15 सितंबर से बीएलओ तथा पर्यवेक्षकों को काम बांटने के साथ स्टेशनरी वितरण का काम शुरू कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की 59,163 ग्राम पंचायतों के मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल आगामी 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। 13 जनवरी 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष और 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है। माना जा रहा है उत्तर प्रदेश सरकार इस बार जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी, प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ कराएगी। आयोग से अभी जिलों को जो तैयारी कराने के निर्देश दिलवाए गए हैं, वह चारों पदों पर एक साथ चुनाव कराए जाने के क्रम में हैं। इससे साफ जाहिर है कि यूपी में जब भी चुनाव होंगे सभी पदों पर एक साथ होंगे।
- बीएलओ और पर्यवेक्षण परीक्षकों को उनके कार्यक्षेत्र का आवंटन : 15 सितंबर से 30 सितंबर तक
- उन्हें इससे संबंधित जानकारी देना और स्टेशनरी आदि का वितरण : 15 सितंबर से 30 सितंबर तक
- बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना और सर्वेक्षण करना : 1 अक्टूबर से 12 नवंबर तक
- आवेदन करने की अवधि : 1 अक्टूबर से 5 नवंबर
- ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों की घर-घर जाकर जांच करने की अवधि : 6 नवंबर से 12 नवंबर
- ड्राफ्ट नामवालियों की कंप्यूटरीकृत पांडुलिपि तैयार करना : 13 नवंबर से 5 दिसंबर
- ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन : 6 दिसंबर
- ड्राफ्ट के रूप में प्रकाशित निर्वाचक नामावली का निरीक्षण : 6 दिसंबर से 12 दिसंबर
- दावे एवं आपत्तियां प्राप्त करना : 6 दिसंबर से 12 दिसंबर
- दावे एवं आपत्तियों का निस्तारण करना : 13 दिसंबर से 19 दिसंबर
- दावे और आपत्तियों के निस्तारण के बाद पूरक सूचियों की पांडुलिपियों की तैयारी तथा उन्हें मूल सूची में यथा स्थान समाहित करने की कार्यवाही : 20 दिसंबर से 28 दिसंबर
- सूची का जन सामान्य के लिए अंतिम प्रकाशन : 29 दिसंबर
माना जा रहा है कि राज्य के जिन जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में नजर आ रही है, वहां पर 15 सितंबर से मतदाता सूची बनाने का काम शुरू हो गया है। आयोग से प्रपत्र पहले ही भेजे जा चुके हैं। पहले घर-घर जाकर सर्वे होगा। बीएलओ गणना कार्ड पर नाम नोट करेंगे, जो पहले से नाम है उनके आधार और मोबाइल नंबर लिए जाएंगे। इसके बाद जिन मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में बचेंगे, उनके नाम फार्म भरवाकर शामिल करे जाएंगे।
