

बिहार में 17 फीसदी मुस्लिम और 14 फीसदी यादव वोटर हैं जिनका बिहार की सियासत में सत्ता के दावेदारी पर अहम भूमिका है! अगर आरजेडी पार्टी की बात की जाए तो इनका वोटबैंक समीकरण मुस्लिम और यादव है! अब अन्य पार्टियों की जुगत इसी समीकरण को तोड़ने के लिए प्रयासरत है! आरजेडी के घरेलू झगड़े का भी सियासत पर असर दिखने लगा! जैसे की लालू के समधी चंद्रिका राय भी हुए जेडीयू में शामिल! सूत्रों के मुताबिक जेडीयू तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या को भी इनके खिलाफ चुनावी मैंदान में उतार सकती है क्योंकि इन दोनों का मामला अभी न्यायालय के अधीन है! पीछले 30 साल की चुनावी रणनीति को देखा जाए तो मुस्लिम यादव समीकरण सत्ता पलटवार का प्रभाव रखता है! लालू के सालों सत्ता के कब्जा को किये रहना मुस्लिम यादव वोटबैंक की मजबूती पकड़ है! अब इसी समीकरण को तोड़ने के लिए अन्य पार्टियां प्रयासरत है! लालू यादव चारा घोटाले के आरोपी है फिलहाल सजा काट रहे हैं! पार्टी की नेतृत्व तेजस्वी के हाथ में है जिन्हें महागठबंधन के कुछ नेता को इनकी नेतृत्व पसंद नहीं आ रही है! इनके बहुत विधायक भी पार्टी छोड़ जेडीयू में शामिल हुए लेकिन सकारात्मक पहलू ये भी है कि तेजस्वी के रणनीति में भी जेडीयू के बहुत नेता शामिल हुए और बहुतों की संभावना है शामिल होने की सूत्रों के सौजन्य से! नये आबादी में यादव व मुस्लिम वोटरों का अनुपात भी बढ़ गया है! लालू की राजनीति इसी समीकरण पर आधारित साथ ही अति पिछड़ों, दलितों और आम गरीबों के बीच रहीं हैं!
- कुर्मियों का समर्थन राजग के लिए है पर उनमें पहले वाला उत्साह नहीं दिखता!
दुसाध वोटों में राजद की तरफ स्पष्ट झुकाब दिखता है!अन्य दलित जातियों में लालू के प्रति पहले से कम उत्साह है!अति पिछड़ों में राजग के प्रति रूझान है, पर यह निर्णायक नहीं है!
- बड़ी जातियां अभी भी भाजपा के साथ हैं
- मुस्लिम-यादव राजद के साथ!
अब इस चुनाव में देखना दिलचस्प होगा की अन्य पार्टियों के द्वारा किस तरह इस वोटबैंक पर सैंधमारी करती है! लालू यादव के सत्ता की नेतृत्व तेजस्वी के हाथ में है क्या वो पिता की तरह राजनीति में अपनी रणनीति से इस वोटबैंक की पकड़ मजबूती से संभाल पाएंगे! दूसरी तरफ मांझी का निकलना लेकिन रजक का महागठबंधन में शामिल होना रणनीति काफी वैचारिक है!