राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का जिला-स्तरीय आयोजन संपन्न


बाढ़ से बचाव के लिए मकान की संरचना एवं शुष्क क्षेत्रों मे जल संचयन व खाद्य पदार्थों की पारंपरिक संरक्षण विधियों जैसे विभिन्न विषयों पर बाल वैज्ञानिकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए
इस बार वर्चुअल मूल्यांकन द्वारा संपन्न हुई राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस
चंदन गौड़
मंदसौर .भारत सरकार की राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद नई दिल्ली,मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद म.प्र.द्वारा एवं साइंस सेंटर ग्वालियर द्वारा बाल वैज्ञानिकों को स्थानीय समस्या पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत करने हेतु राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में मंदसौर जिले की जिला स्तर की प्रतियोगिता का ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से आयोजन संभाग स्तर पर शास.मॉडल स्कूल घटिया में संपन्न हुआ । कोरोना पेंडेमिक के चलते छात्रों की प्रत्यक्ष उपस्थिति के स्थान पर उनके द्वारा भेजे गये प्रेजेंटेशन के वीडियो द्वारा हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य रमेश कुरूप ने ने की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक राजेश राठौर ने बताया कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में इस वर्ष जिले के विभिन्न विद्यालयों के 60 बाल वैज्ञानिकों ने रा.बा.वि.का. के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवाकर प्रस्तुतीकरण के विडियो भेजे है। इन परियोजनाओ का मूल्यांकन परियोजना फाइल तथा प्रस्तुतीकरण के विडियो के आधार पर जिला स्तरीय मूल्यांकन द्वारा किया गया।
जिले से श्रेष्ठतम पांच परियोजनाओं का चयन राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए किया गया है जो इस प्रकार हैं-
1.श्री साईं विद्या निकेतन गरोठ की बाल वैज्ञानिक भावना शर्मा पिता प्रदीप कुमार शर्मा द्वारा -“बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में झेली गई चुनौतियों के आधार पर एक घर की संकल्पना 2. श्री साईं विद्या निकेतन गरोठ के बाल वैज्ञानिक आशुतोष शर्मा पिता चंद्रशेखर शर्मा द्वारा-” शुष्क क्षेत्रों में पारंपारिक जल संचयन और उसकी प्रासंगिकता 3. सरस्वती शिशु विद्या मंदिर गरोठ की वैज्ञानिक प्रतिज्ञा पाटीदार द्वारा-“सौर ऊर्जा के बेहतर उपयोग के विकल्प” 4. केंद्रीय विद्यालय शामगढ़ की बाल वैज्ञानिक राशि राठौर पिता विक्रम राठौर द्वारा -“पारंपरिक खाद्य पदार्थों के संरक्षण की विधियां” 5. शामगढ़ पब्लिक स्कूल शामगढ़ के बाल वैज्ञानिको कृतिका मालवीय एवं वैदेही द्वारा बाढ़ के दौरान पीने के पानी का प्रबंधन करना” जिले से चयनित बाल वैज्ञानिकों एवं उनकी परियोजनाओं को राज्य स्तरीय आयोजन में शामिल किया जाएगा जो कि आगामी 2 एवं 3 फरवरी को भोपाल में संपन्न होगा।