विवादों के बीच सोमवार को भारत और नेपाल के मध्य राजनायिकों की डिजिटल बैठक

भारत और नेपाल के बीच मई से ही सीमा विवाद जारी है । नेपाल ने मई में नया राजनीतिक नक्शा जारी कर भारत के तीन हिस्सों, लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपने क्षेत्र में दिखाया था । भारत और नेपाल के शीर्ष राजनयिकों ने सोमवार को डिजिटल बैठक कर भारत की मदद से नेपाल में चल रही विकास संबंधी विभिन्न परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। काठमांडू में भारत के दूतावास ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘भारत और नेपाल ने आज डिजिटल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ओवरसाइट
भारत और नेपाल के बीच सोमवार क काठमांडू द्वारा मई में नया राजनीतिक मानचित्र जारी करने के बाद रिश्तों में आई तल्खी के बीच सोमवार को भारत-नेपाल के बीच पहली बड़ी बैठक हुई । भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी के बीच यह बैठक नेपाल में भारत के सहयोग से बन रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है । हालांकि दो से अधिक घंटों तक चली इस बैठक में सीमा विवाद या नक्शे को लेकर चर्चा नहीं हुई । कहा कि यह बैठक सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है और ऐसी बैठकें 2016 से चल रही हैं, जिनमें द्विपक्षीय आर्थिक और विकास परियोजनाओं की दोनों देश समीक्षा करते हैं ।
बैठक के बाद भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि बैठक में आर्थिक और विकास परियोजनाओं की समीक्षा की गई और इन्हें लागू करने में तेज़ी लाने पर दोनों देशों ने सहमति जताई । बैठक में पिछले एक साल में विकास कार्यों की समीक्षा की गई जिसमें गोरखा और नुवाकोट में 46,301 भूकंप प्रभावित घरों के पुननिर्माण, मोतिहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम पदार्थ पाइपलाइन के संचालन, बिराटनगर पर ICP के निर्माण और हाई इम्पैक्ट कम्यूनिटी डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई । नेपाल ने कोविड संबंधित राहत सामग्री की सप्लाई के लिए भारत की सहायता का धन्यवाद किया ।