
अनुभव अवस्थी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मार्च माह के अंत में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की मौत से जुड़ा आंकड़ा सरकार के पास नहीं होने को लेकर मंगलवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि श्रमिकों की मौत होना सभी ने देखा, लेकिन सरकार को इसकी खबर नहीं हुई। संसद सत्र में सोमवार को लोकसभा में सरकार ने लिखित प्रश्न के जवाब में कहा था कि उसके पास लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की मौत का आंकड़ा नहीं है।
कांग्रेस के राहुल गांधी ने इस उत्तर को आड़े हाथों लिया और उन्होंने ट्वीट किया, ‘मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर मरे और कितनी नौकरियां गईं। कांग्रेस नेता ने शायराना अंदाज में तंज किया, ‘? हां मगर दुख है सरकार पे असर ना हुआ, उनका मरना देखा जमाने ने, एक मोदी सरकार है जिसे खबर ना हुई।’
गौरतलब है कि लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान मारे गए मजदूरों के संदर्भ में आंकड़ा सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। संगीता कुमारी सिंह देव, भोला सिंह, कलानिधि वीरस्वामी तथा कुछ अन्य सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या लॉकडाउन के दौरान हजारों मजदूरों की मौत हो गई और अगर ऐसा है तो उसका विवरण दें । साथ ही सवाल यह भी था कि क्या ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता या मुआवजा दिया गया है? इसपर केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने अपने लिखित जवाब में बताया कि ‘ऐसा कोई आंकड़ा मेंटेन नहीं किया गया है । ऐसे में इसपर कोई सवाल नहीं उठता है ।’ श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बताया, ‘भारत ने एक राष्ट्र के रूप में, केंद्र और राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, स्वयं सहायता समूहों, निवासी कल्याण संघों , चिकित्सा स्वास्थ्य पेशेवरों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में गैर-सरकारी संस्थाओं के माध्यम से कोविड-19 प्रकोप और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण अभूतपूर्व मानव संकट के खिलाफ लड़ाई लड़ी।’
संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन सोमवार को श्रम मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा था कि सरकार के पास लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की मौत का आंकड़ा नहीं है, ऐसे में मुआवजे का सवाल नहीं उठता है । बता दें कि राहुल गांधी फिलहाल सोनिया गांधी के हेल्थ चेक-अप के लिए विदेश गए हुए हैं ।
