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मक्का समर्थन मूल्य से कम बिकने पर पाटन में किसानों का सरकार के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन

अंकित तिवारी

कहते हैं भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसकी लगभग 64% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है जो प्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का एक बहुत बड़ा योगदान है।।

परंतु आज किसान दिन रात मेहनत करके खुद भूखा रह कर देश का पेट पालता है इसके एवज में उसे अपनी फसल का निर्धारित एमएसपी रेट तक नहीं मिल पाता हैं सरकार हमेशा किसानों के साथ भेदभाव करती रही है।।

केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मक्के का एमएसपी रेट तय किया गया है 1850 रूपए प्रति क्विंटल इसके बावजूद राज्य सरकार मक्के की खरीदी नहीं कर रही है जिससे व्यापारियों ओने पौने दाम पर खरीद कर मस्त है और किसान पस्त है।।

इसी कड़ी में आज पाटन के किसानों द्वारा एसडीएम महोदय को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन प्रेषित किया गया जिसमें शासन से मांग की गई कि मक्के की खरीदी जल्द से जल्द एमएसपी रेट पर की जाए ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित दाम मिल सके एमएसपी रेट पर खरीदी ना होने के कारण किसान अपनी खून पसीने की कमाई से उगाई गई फसल को 700, 800 प्रति कुंटल पाटन मंडी में बेचने को मजबूर हैं जिससे उनको उनकी फसल का दाम तक नहीं मिल पा रहा है।।

पाटन के समस्त किसानों द्वारा एसडीएम महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर निम्न मांग की गई
1 मक्का खरीद 1850 एमएसपी रेट पर खरीद तुरंत करे सरकार
2 एमएसपी रेट से कम खरीदी करने पर व्यापारियों के ऊपर कम से कम 3 साल सजा का प्रावधान हो
3 मंडी एक्ट 1972 की धारा 36 (3) के उल्लंघन को रोका जाए
ज्ञापन के माध्यम से शासन एवं प्रशासन को किसानों ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि सरकार 7 दिवस के अंदर हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम उग्र एवं विशाल आंदोलन करेंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन एवं प्रशासन की रहेगी
ज्ञापन सौंपते समय यह रहे उपस्थित सुनील दुबे, ठाकुर पुष्पेंद्र सिंह, रोहित रजक, राजवीर ठाकुर, अज्जू पटेल, माधव उर्मालिया, एवं सैकड़ों की अन्य तादात में किसान उपस्थित रहे।।

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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