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बिहार के गया में दशरथ मांझी ने पहाड़ तोड़ दिया था और इन्होंने नहर खोद डाला

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

स्टोरी : रश्मि राजपूत सब एडिटर

खबर है बिहार के गया से!यहां के लहथुआ क्षेत्र के कोठिलवा गांव में एक शख्स ने अपने गांव में पानी लाने के लिए पहाड़ियों के बीच से नहर निकाल दी है! 70 साल के लौंगी भुइयां नाम के इस शख्स ने अपने गांव की पास की पहाड़ी से तीन किलोमीटर तक लंबी नहर खोद दी है। और उन्हें ये करने में तीस साल लगे हैं।

लौंगी ने किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा दिया। लौंगी भुइयां को गांव के युवाओं को पत्नी व बच्चों को घर में छोड़कर परदेस कमाने जाना सहन नहीं हो सका। वे बताते हैं कि 20 साल पहले वर्ष 2001 में उन्होंने पलायन से दुखी होकर पईन खोदने का फैसला किया। उन्होंने देखा कि जहां मवेशी पानी पीने जाते हैं वहां पर बहुत बड़ा जल का स्रोत है। यहां से पईन की खुदाई करके खेत तक पानी ले जाया

उन्होंने इसके अगले ही दिन से (अगस्त 2001) ही अकेले पईन की खुदाई बंगेठा सगवाही जंगल से शुरू कर दी। जलछाजन विभाग के अधिकारियों ने पईन से आने वाले पानी को जमा करने के लिए एक बड़ा सा मेड़ बना दिया है। इसका नाम लौंगी आहर रखा गया है ।

स्वयं भुइयां ने बताया कि उनकी पत्नी, बेटे और बहू सभी ने यह काम करने से उन्हें रोकने की कोशिश की थी, क्योंकि इसमें उन्हें कुछ मिलता नहीं था, कोई आमदनी नहीं थी। एक समय लोग उन्हें पागल कहने लगे थे, लेकिन आज पानी आने के बाद सब उनकी तारीफ कर रहे हैं।

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प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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