
जैसे जैसे समय गुजर रहा है सभी प्रमुख दल अपने चुनावी अभियान को मजबूत करने व उसके जरिए जनता तक पहुंचने के लिए नये रास्ते व तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव में आम सभा करने पर रोक लगाई गई है। ऐसे में अब सभी दल सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं।
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की आगाज आज जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्चुअल संवाद जदयू लाइव डाटकाम के जरिए लोगों को संबोधित किया हैं। इसके साथ ही नीतीश कुमार अपने दल के चुनाव अभियान का बिगुल फूंका। जदयू ने दावा है कि नीतीश की इस वर्चुअल रैली से 30 लाख लोग जुड़ें हैं। मुख्यमंत्री ने जदयू मुख्यालय में बने नवनिर्मित ‘कर्पूरी सभागार’ के मंच से ‘निश्चय संवाद’ को संबोधित किया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि डिजिटल दौर में हमारी पार्टी ने jdulive.com की शुरुआत की है।
निश्चिय संवाद में नीतीश कुमार ने कोरोना काल में किए गए अपने कार्यों को गिनाते हुए विपक्ष को जवाब दिया, साथ ही बाढ़ प्रभावितों की मदद की भी चर्चा की । इसके अतिरिक्त उन्होंने आरजेडी राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव पर भी निशाना साधा । साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में अब बिजली आ गई है, इसलिए लालटेन की जरूरत नहीं है ।
नीतीश कुमार ने कानून-व्यवस्था के मसले पर आरजेडी के शासन और अपने कार्यकाल की तुलना की । उन्होंने बताया कि हमने
कब्रिस्तान-मंदिर की रक्षा की नीतीश कुमार ये भी बताया कि हमारी सरकार ने कब्रिस्तान की घेरेबंदी कराई । उन्होंने बताया कि 8064 कब्रिस्तान में से 6299 की घेरेबंदी करा दी गई है । जबकि दूसरी तरफ मंदिर से मूर्ति चोरी होने लगी थी । हमारी सरकार ने 226 मंदिरों में पूर्ण चारदीवारी कराई है, जबकि 112 पर काम जारी है और 48 प्रक्रियाधीन है ।
हमने भागलपुर दंगों की जांच पूरी करवाई। जब हमें काम करने का मौका मिला तो हमने लक्ष्य रखा कि कहीं से भी राजधानी पटना आने में 6 घंटे से ज्यादा का समय न लगे। ये लक्ष्य पूरा हो गया है।
2005 में हमने सत्ता संभाली और तब से हम अपराध पर जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाए हुए हैं। बिहार में ज्यादातर अपराध की वजह भूमि विवाद है। इसके अलावा आपस में लोग परिवार का बंटवारा नहीं करते थे क्योंकि रजिस्ट्री का चार्ज काफी ज्यादा होता था। लेकिन अब परिवार में बंटवारे के लिए 100 रुपये का सांकेतिक रजिस्ट्री चार्ज लगता है। मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि इलाज से लेकर मौत होने की परिस्थिति में 4 लाख रुपये का मुआवजा देना तय किया गया है। राज्य भर के प्रवासी बिहारियों को 14 दिन क्वारंटीन सेंटर में रखा गया।
15 लाख से ज्यादा लोग वापस बिहार आए और क्वारंटीन सेंटर पर एक व्यक्ति पर 14 दिन में 5,300 रुपये खर्च किए गए। हमने लोगों की इस तरह से सेवा की। केंद्र और हमने राशन के मामले में भी मदद की। हम प्रचार नहीं सेवा करते हैं। बिहार में प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो रही है। दस लाख की जनसंख्या पर 32,233 लोगों की जांच की गई। आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता 11,350 है लेकिन हम इसे बढ़ाकर 20 हजार करना चाहते हैं। भारत सरकार से हमें 10 हजार आरटी-पीसीआर जांच मशीन मिलने वाली है। केंद्र हमें 8,800 अमेरिकी मशीन कोबास देने वाला है। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में ठीक होने वालों का प्रतिशत सबसे ज्यादा 88.24 फीसदी है। कोरोना की जांच अब प्रखंड स्तर पर हो रही है। इलाज के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गयी है। होम आइसोलेशन के अलावा कोविड केयर, कोविड हेल्थ सेंटर और कोविड अस्पताल में इलाज किया जा रहा। अगर किसी स्वास्थ्य कर्मी की मौत होती है, तो आश्रित को नौकरी देने का फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख का बीमा दिया गया है।
हम तो रोजगार सृजन भी कर रहे हैं। बोलने वाले पता नहीं कुछ भी बोल रहे हैं, उन्हें पता भी नहीं कि क्या काम चल रहा है। राज्य सरकार की तरफ से 5,50,246 योजनाओं में 14 लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन किया गया है।
नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ आया, फिर सूखा आया, फिर बाढ़ आया। 83 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ प्रभावित हुए। सामुदायिक किचन से पूरे राज्य में 10 लाख लोगों को खाना खिलाया। साथ ही कोरोना की जांच भी करवाई। बाढ़ की वजह से 16 से भी ज्यादा जिले प्रभावित हैं। हम हरसंभव लोगों को राशन पहुंचा रहे हैं। सामुदायिक रसोई के माध्यम से सब को खाना खिलाया जा रहा है।
सड़कों का चौड़ीकरण और नए पुलों का निर्माण किया जा रहा है। 54,461 करोड़ रुपयों की लागत से हमने सड़कों का निर्माण करवाया है। सड़कों की गुणवत्ता सही रखने के लिए हमने इसे भी लोक शिकायत निवारण कानून के दायरे में लाया। जो बच्चे थे उस वक्त, उन्हें हमारे लोग बताएं कि पहले बिहार का क्या हाल था और अब कितना अच्छा हो चुका है। ये नए युवा वोटरों को बताना जरूरी है ताकि वो गलत लोगों के साथ न जाएं। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने बच्चियों के लिए साइकिल योजना शुरू किया। हर परिवार की बेटी को साइकिल मिली और वो स्कूल जाने लगीं। इससे बेटियों में मनोबल बढ़ा। कई बार तो लड़कों ने मुझे दौरे में कहा कि अंकल हम लोगों के लिए लिए भी कुछ कीजिए। तो हमने लड़कों के लिए भी में साइकिल योजना शुरू की।