कपूर लौंग, अजवाइन की पुड़िया से नहीं बढ़ता आक्सीजन लेबल


नई दिल्ली = इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे वाट्सअप, फेसबुक और ट्विटर पर एक मैसेज काफी वायरल हो रहा है जिसमें जानकारी दी जा रही है कि कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी के तेल को सूंघने से ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाया जाए।ये पोस्ट आम लोगों से लेकर देश के दिग्गज नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी शेयर की है। उन्होंने फेसबुक पर इसे ‘सेहत की पोटली’ का कैप्शन दिया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘कपूर, लौंग और अजवाइन का मिश्रण बनाकर इसमें कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल को मिलाकर इस तरह की पोटली बना लें और अपने दिनभर के कामकाज के दौरान बीच-बीच में सूंघते रहें…यह ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने में मदद करता हैसोशल मीडिया पर वायरल हो रही अजवाइन, लौंग, कपूर और नीलगिरी के बूंदों वाली पोटली को लेकर साइंस का कहना है कि इन चीजों का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है। कपूर एक ज्वलनशील सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ है जिसमें तेस सुगंध होती है। दर्द और खुजली को कम करने के लिए इसे कभी-कभी त्वचा पर रगड़ा जाता है।इसका प्रयोग एक छोटी मात्रामें विक्स वेपोरब जैल में भी किया जाता है लेकिन बंद नाक खोलने में कपूर फायदेमंद है ऐसी कोई स्टडी मौजूद नहीं है। कुछ पुराने स्टडी में पाया गया है कि ऐसा कोई दावा नहीं मिलता जिसमें ये कहा गया हो कि कपूर की सुगंध के जरिए बंद नाक खुलने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है।गैर-औषधीय कपूर बच्चों के लिए खासकर नुकसानदायक है, जो उनमें एक मिनट के अंदर गंभीर विषाक्त पदार्थ पैदा कर सकता है। साल 2018 में आई अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ पॉइजन कंट्रोल सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, में कपूर के जहर के लगभग 9,500 मामले थे, जिनमें से 10 लोगों की जान खतरे में थी और कुछ लोग इसके चलते दिव्यांग भी हुए। एफडीए भी कपूर की खुराक के खिलाफ सलाह देता है क्योंकि इससे शरीर में विषाक्तता पैदा हो सकती है और इंसान को गंभीर दौरे भी पड़ सकते हैं।इस दावे में बताया गया है कि लौंग, दालचीनी, जायफल और तुलसी में यौगिक यूजेनॉल मौजूद है जो टॉक्सिसिटी का कारण है। शोध में इस बात के सबूत नहीं है कि लौंग से ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाया जा सकता है।लौंग और कपूर की तरह कैरम बीज यानी अजवाइन और नीलगिरी के तेल दोनों पदार्थों के लिए को लेकर कोई ऐसा शोध नहीं जिसमें ये कहा गया हो कि इनके सूंघने से ऑक्सीजन लेवल में सुधार होचा है।