

अनुभव अवस्थी
पिछले कुछ समय से वालीवुड में वेब सीरीज को लेकर जनता में नाराजगी जाहिर की जा रही है कोरोनावायरस संक्रमण के बाद से कुछ वेब सीरीज ऐसी रिलीज हुई जिनको लेकर जनता में नाराजगी जताई जा रही है। और अब एक और नई वेब सीरीज लोगों के प्रतिरोध पर आ गई है।
नई वेब सीरीज “तांडव” को लेकर देश की जनता में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के नेताओं के हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के आरोप के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आज ऐमजॉन प्राइम वीडियो के अधिकारियों को तलब किया है।
वेब सीरीज ‘तांडव’ के रिलीज के बाद ही इसको लेकर जनता में विवाद गहराता जा रहा है। कुछ संगठन और भाजपा नेता लगातार इस वेब सीरीज “तांडव” पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इधर भाजपा के सांसद मनोज कोटक ने इस संबंध में भाजपा सरकार के केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से शिकायत की थी। इस तरह की शिकायत के बाद मंत्रालय ने अपना रूख बदलते हुए वेब सीरीज “तांडव”को लेकर अमेजन प्राइम वीडियो के अधिकारियों को रविवार को नोटिस भेजा और इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।
भाजपा सांसद मनोज कोटक ने हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने को लेकर अमेजन प्राइम वीडियो की सीरीज ‘तांडव’ पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से प्रतिबंध लगाने का रविवार को अनुरोध किया। कोटक ने इस सिलसिले में जावड़ेकर को एक पत्र लिखा था। वेब सीरीज ‘तांडव’ में अभिनेता सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, सुनील ग्रोवर आदि कलाकार अभिनय कर रहे हैं।
मुंबई उत्तर-पूर्व से सांसद मनोज कोटक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह के मंच पर अक्सर ही हिंदू देवी-देवताओं को अच्छे संदर्भ में नहीं दिखाने की कोशिश की जाती है। कोटक ने कहा, ‘विभिन्न संगठनों और लोगों ने शिकायत की है कि हिंदू देवी-देवताओं का ‘तांडव’ वेब सीरीज में मजाक उड़ाया गया है। उनके बारे में (आपत्तिजनक) टिप्पणी की गई है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम जावड़ेकर जी से मांग करते हैं कि वह इस वेब सीरीज पर फौरन प्रतिबंध लगाएं। भावनाओं को ठेस पहुंचाने को लेकर इसके अभिनेताओं, निर्माता और निर्देशक को माफी मांगनी चाहिए।’ कोटक ने जावड़ेकर को लिखे पत्र की तस्वीर रविवार को ट्विटर पर साझा की और कहा, ‘‘ डिजिटल सामग्री को नियंत्रित करने वाली कोई स्वायत्त संस्था अभी नहीं है। ऐसे में इस तरह के मंच ‘‘सेक्स, हिंसा, ड्रग्स, नफरत अैर अश्लीलता’ से भरे हुए हैं। कभी-कभी वे धार्मिक भावनाओं को भी आहत करते हैं।’