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”CAA किसी भारत के नागरिक के विरुद्ध बनाया हुआ कानून नहीं है – संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर देश के मुसलमानों को भरोसा देते हुए कहा है कि उन्हें इससे कोई नुकसान नहीं होगा। आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा है कि अल्पसंख्यकों को लेकर विभाजन के समय जो वादा किया गया था, भारत उसका पालन कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद या लोकतंत्र भारत को दुनिया से सीखने की आवश्यकता नहीं है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार शाम दो दिन की यात्रा पर असम पहुंचे। आरएसएस के प्रवक्ता ने बताया कि भागवत ने असम के विभिन्न क्षेत्रों और अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर एवं त्रिपुरा जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठकें की।उन्होंने कहा कि इन बैठकों में संगठन से जुड़े विषयों एवं महामारी के दौर में समाज और लोगों के कल्याण के उपायों पर चर्चा हुई।

गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ”CAA किसी भारत के नागरिक के विरुद्ध बनाया हुआ कानून नहीं है। भारत के नागरिक मुसलमान को CAA से कुछ नुकसान नहीं पहुंचेगा। विभाजन के बाद एक आश्वासन दिया गया कि हम अपने देश के अल्पसंख्यकों की चिंता करेंगे। हम आजतक उसका पालन कर रहे हैं। पाकिस्तान ने नहीं किया।”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने बताया कि नागरिकता कानून पड़ोसी देशों में उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करेगा।  “हम आपदा के दौरान इन देशों में बहुसंख्यक समुदायों तक भी पहुंचते हैं। इसलिए अगर कुछ ऐसे हैं जो खतरों और डर के कारण देश में आना चाहते हैं, तो हमें निश्चित रूप से उनकी मदद करनी चाहिए।” 

1930 से योजनाबद्ध तरीके से मुस्लमानों की संख्या बढ़ाने के प्रयास हुए, ऐसा विचार था कि जनसंख्या बढ़ाकर अपना वर्चस्व स्थापित करेंगे और फिर इस देश को पाकिस्तान बनाएंगे। ये विचार पंजाब, सिंध, असम और बंगाल के बारे में था, कुछ मात्रा में ये सत्य हुआ, भारत का विखंडन हुआ और पाकिस्तान हो गया। लेकिन जैसा पूरा चाहिए था वैसा नहीं हुआ।

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pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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