हनुमान चालीसा, कन्याभोज और पुर्णाहुति के साथ भागवत कथा सम्पन्न

कथा के सातवें दिन भक्तों ने श्रवण किया श्री कृष्ण सुदामा चरित्र का भावुक वर्णन
भारत भूषण
भोपाल। “जब भगवान कृष्ण ने खुद ही सुदामा के हाथों से पोटली ले ली और चावल खाने लगे, जैसे ही कृष्ण ने एक मुट्ठी चावल खाये तो इसके बदले उन्होंने सुदामा को एक लोक की संपत्ति दे दी। इसके बाद कृष्ण ने दूसरी मुट्ठी चावल खाकर सुदामा को दो लोक की संपत्ति दे दी, दो मित्रों के बीच का ऐसा स्नेह रुक्मिणी के लिए भी अचंभित करने वाला था। चिंतित रुक्मिणी ने ज्यों ही देखा कि वासुदेव कृष्ण तीसरी मुट्ठी चावल खाने वाले हैं, रुक्मणि उन्हें रोकते हुए बोली- प्रभु! यदि आप तीनों लोक की संपत्ति इन्हें दे देंगे तो अन्य सब जीव और देवता कहां जाएंगे? रुक्मणि की बात सुनकर भगवान कृष्ण रुक गए और बोले कि मेरे मित्र की भेंट के आगे ये सब सुख ऐश्वर्य और ब्रह्मांड तुच्छ है।” भगवान श्री कृष्ण और सुदामा चरित्र का भावुक वर्णन मंगलवार को आदमपुर छावनी में चल रही भागवत कथा में भक्तों ने सुना। कथा विश्राम के अवसर पर व्यासपीठ से संबोधित करते हुए राधिका किशोरी ने भागवत पुराण की महिमा का वर्णन किया। इस अवसर पर कथा संयोजक और पूर्व जिला पंचायत सदस्य विष्णु विश्वकर्मा ने कहा कि भागवत कथा सुनने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, सत्संग हमे सदमार्ग पर ले जाते हैं। हुज़ूर विधानसभा में चल रहे 51000 हनुमान चालीसा पाठ के संकल्प के अंतर्गत भागवत कथा में प्रतिदिन 501 हनुमान चालीसा पाठ किये गए। विष्णु विश्वकर्मा ने कहा कि बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ अत्यंत आवश्यक है, उन्होंने कहा कि कलयुग में हनुमानजी की कृपा अत्यंत आवश्यक है। कथा के अंतिम दिन हनुमान चालीसा पाठ यज्ञ हवन पुर्णाहुति के साथ कन्याभोज का आयोजन किया गया।