
आईपीएल के लिए स्पॉन्सरशिप के लिए कर सकते हैं करार
अनुभव अवस्थी
इंडियन प्रीमियर लीग के टाइटल स्पॉन्सर की दौड़ में एक और कंपनी का नाम सामने आ रहा है। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के इस साल के लिए टाइटल स्पॉन्सर से हटने के बाद योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पंतजलि भी इस दौड़ में शामिल हो गई है। कंपनी की ओर से इस बात की पुष्टि भी हो गई है।
पंतजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने इकॉनमिक टाइम्स से इस बात की पुष्टि भी की है। तिजारावाला ने कहा, ‘हम इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल करने के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि हम पतंजलि ब्रांड को एक वैश्विक मंच पर ले जाना चाहते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को इसके लिए एक प्रस्ताव भेजने की तैयारी में हैं।
बाजार के जानकार हालांकि इस बात को मानते हैं कि एक चीनी कंपनी के विकल्प के दौर पर एक राष्ट्रीय ब्रांड के तौर पर पंतजलि का दावा बहुत मजबूत है लेकिन उनका यह भी मानना है कि उसमें एक मल्टीनैशनल ब्रांड के तौर पर स्टार पावर की कमी है।भारत और चीन के बीच तनाव के चलते चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो ने इस साल टाइटल स्पॉन्सरशिप से हटने का फैसला किया था। इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी इस पर मुहर लगा दी थी। वीवो टाइटल स्पॉन्सशिप के लिए हर साल बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। हालांकि बोर्ड ने वीवो के अगले साल वापसी का रास्ता खुला रखा है। वीवो और आईपीएल का अनुबंध साल 2022 तक का है। कोरोना वायरस के चलते इस समय बाजार की हालत बहुत अच्छी नहीं है इसलिए बोर्ड भी समझता है कि एक साल के लिए कोई नई कंपनी शायद वीवो जितना ही भुगतान न करे।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर दी थी कि ऑनलाइन शॉपिंग दिग्गज कंपनी ऐमजॉन, फैंटसी स्पोर्टस कंपनी ड्रीम 11 और टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर और ऑनलाइन लर्निंग कंपनी बायजूज भी इस साल के टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ मे हैं।पतंजलि कंपनी की तरफ से इस बात की पुष्टि कर दी गई है। पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने साथ ही कहा कि बीसीसीआई को इसके लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बाजार के जानकार इस बात को मानते हैं कि एक चीनी कंपनी के विकल्प के तौर पर राष्ट्रीय ब्रांड पतंजलि का दावा मजबूत है, लेकिन उनका यह भी मानना है कि उसमें मल्टीनेशनल ब्रांड के तौर पर स्टार पावर की कमी है।भारत और चीन के बीच सीमा तनाव के चलते चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो ने इस साल आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर के रूप में पीछे हटने का फैसला किया है। बीसीसीआई ने आईपीएल से वीवो के अलग होने की खबर की पुष्टि कर दी थी। बता दें कि टाइटल स्पॉन्सर के रूप में वीवो हर साल बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपए का भुगतान करता है। हालांकि, अगले साल बोर्ड ने वीवो के वापसी का रास्ता खुला रखा है। दरअसल, वीवो और आईपीएल का करार 2022 तक के लिए है। कोरोना वायरस महामारी के कारण इस समय बाजार की हालत बहुत अच्छी नहीं है ।