
अनुभव अवस्थी
#WATCH: Army Chief General MM Naravane speaks to ANI on India-China disengagement in Ladakh. He says, "We have not lost out on any territory, we are where we were before this whole thing started…Not an inch of land has been lost." pic.twitter.com/yIyyBR6Z4n
— ANI (@ANI) March 30, 2021
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि भारत ने एलएसी पर एक इंच भी जमीन नहीं गंवाई है और भारत की स्थिति उसी जगह पर बनी हुई है जहां पिछले साल विवाद के शुरू होने के पहले थी। जनरल नरवणे भारत-चीन डिसएंगेजमेंट पर बात कर रहे थे।
सेना प्रमुख जनरल एमएस नरवणे ने कहा कि कश्मीर में हाल ही में कुछ आतंकी घटनाएं हुई है। अभी भी घाटी में युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। हालांकि आतंकी घटनाओं में काफी सुधार हुआ है। हमारा प्रयास युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकना है। उन्होंने कहा कि हमारे कुछ स्थानीय आतंकवादी भी हैं जो हाल के दिनों में हाशिए पर महसूस करते हैं। हाल के दिनों में 1 या 2 में ऐसे कार्य हुए हैं, जो उन्हें और हताशा कर सकते हैं।
भारत चीन संबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि चीन के साथ कोर कमांडर लेवल की वार्ता के 9 वें दौर के बाद हम फ्रिक्शन क्षेत्रों से चरणबद्ध तरीके से सेना को हटाने के लिए सहमत हुए हैं। यह प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई और पैंगोंग त्सो और कैलाश रेंज के उत्तर और दक्षिण बैंक से योजना के अनुसार शुरू हुआ। चीन की पीपुल्स आर्मी अपने निकटतम स्थायी स्थानों पर वापस चली गई है। हम किसी भी क्षेत्र में नहीं हारे हैं। हम उसी जगह हैं, जहां हम इस पूरी बात को शुरू करने से पहले थे … एक इंच भी जमीन नहीं खोई है।
भारत और चीन के बीच एलएसी पर उस समय तनाव की शुरुआत हुई थी जब चीनी सैनिकों ने एलएसी के पास भारतीय इलाके में घुसपैठ शुरू की थी जिसका भारतीय जवानों ने मजबूती के साथ प्रतिरोध किया था। इसके बाद जून में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे से भिड़ गए थे जिसमें भारत के जवानों ने अपने शौर्य और साहस की प्रतिमूर्ति दिखाई थी। दोनों देशों के बीच पिछले साल से चल रहे तनाव के बीच पहली सकारात्मक खबर तब आई थी जब भारत और चीन ने 10 दौर की कोर्प्स कमांडर वार्ता और कई दौर की कूटनीतिक चैनलों के जरिए वार्ता के बाद पिछले महीने पैंगोंग झील के किनारे पर डिसएंगेजमेंट पर सहमति बनी। जिसके बाद दोनों देशों ने अपने सैनिक, टैंक और बख्तरबंद वाहनों को इलाके से हटा लिया था।
डिसएंगेजमेंट के बाद दोनों देशों के बीच बने वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक हुई जिसमें ये कहा गया “डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया से दोनों पक्षों को सैनिकों के व्यापक डी-एस्केलेशन को देखने और सीमा क्षेत्रों में शांति बहाली की दिशा में काम करने में मदद मिलेगी। दोनों पक्षों ने यह भी सहमति व्यक्त की कि अंतरिम में दो पक्षों को जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखना चाहिए और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना चाहिए।”