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डासना के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मंदिरों के बाहर लगा बैनर गैर हिन्दू का प्रवेश वर्जित का बोर्ड

उत्तराखंड में देहरादून के घण्टा घर क्षेत्र में एक मंदिर के बाहर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है का बैनर लगाया गया। इसमें लिखा है कि यह हिंदुओं का एक पवित्र स्थान है यहां पर गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के पोस्टर उत्तराखंड के अन्य मंदिरों में भी लगाए गए हैं।
इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस हरकत में आई और तुरंत ही मौके पर पहुंचकर इस तरह के बैनर को हटाया।

मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने बैनर हटवाकर मुकदमा दर्ज किया है। देहरादून की एसपी (सिटी) सरिता डोभाल ने बताया कि घण्टाघर के आस पास एक मंदिर में एक बैनर टंगे होने की सूचना मिली थी। बैनर को हटवा दिया गया है और बैनर में दर्ज नम्बर को वेरिफाई करवाया जा रहा है। इसी नम्बर के आधार पर धार्मिंक भवनाओं को भड़काने के आधार पर आईपीसी की धारा 153-A के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, देहरादून के घण्टा घर में मंदिर के बाहर एक बैनर लगाया गया था, जिसमें कहा गया था कि ‘यहाँ गैर-हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है’। मंदिर के अधिकारियों ने इसके बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया। बैनर हटा दिया गया है, साथ ही जिसका मोबाइल नम्बर बैनर पर था उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया। तथा सोशल मीडिया पर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैनर में जिस व्यक्ति का मोबाइल नम्बर है उसका नाम जीतू रंधावा बताया जा रहा है। जीतू रंधावा हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश महासचिव हैं।

वहीं इस फ्लैक्स बैनर को लेकर हिंदू युवा वाहिनी के संगठन के उत्तराखंड अध्यक्ष गोविंद वाधवा ने कहा कि कैंपेन 20 मार्च को शुरू हुआ था। वाधवा ने कहा, “कभी हमारी मूर्तियां तोड़ी जाती हैं या लोग शिव मूर्ति पर गलत भाषा शैली का प्रयोग करते हैं, आपने ये सब देखा होगा और ये सब होता रहता है। ये सब निंदनीय हरकत हिंदू समुदाय के लोग नहीं, गैर-हिंदू करते हैं। ऐसे गैर-हिंदुओं से खुद की रक्षा के लिए ये बैनर लगाए गए हैं, जिससे ये लोग न आएं और मंदिरों की पवित्रता बनी रहे।”

हिंदू युवा वाहिनी की ओर से धर्म की रक्षा करने की बात कहकर बैनर लगाए गए थे। हिंदू युवा वाहिनी का कहना था कि गैर हिंदू उनके धार्मिक स्थान में क्यों आएंगे, उनका वहां क्या काम? हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने साथ ही यह चेतावनी दी थी कि अगर कोई गैर हिंदू मंदिरों में पकड़ा गया तो उसे पुलिस को सौंप दिया जाएगा। गोविंद हिंदुस्तानी ने बताया कि देश के तमाम हिस्सों से आये दिन मंदिरों में तोड़-फोड़, छेड़छाड़ समेत तमाम मामले सुनने को मिलते रहते हैं। जिसे देखते हुए हिंदू युवा वाहिनी प्रदेश संगठन ने निर्णय लिया है कि सबसे पहले राजधानी देहरादून के सभी मंदिरों में बैनर लगाए जाएं। हिंदुस्तानी ने बताया कि जिन मंदिरों के बाहर यह बैनर लगाए गए हैं, वह बैनर नहीं है, बल्कि विधर्मियों के लिए एक संकेत है कि मंदिरों में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है।

हमने इस पर विभिन्न संघटनो से बात की ओर उनके विचार जाने

जीतू रंधावा महासचिव हिन्दू वाहिनी उत्तराखंड

सुविख्यात ज्योतिषाचार्य नेहा श्री का कहना है

सर्वप्रथम नमस्कार के साथ मैं आपको बताना चाहती हूं कि धर्म केवल सनातन है अन्य सब संप्रदाय हैं। भारत एक सएकुलर देश है यहां बहुत से पंथ और संप्रदाय हैं सबकी अपनी मान्यताएं व रीति रिवाज हैं ।
विषय है गैर हिंदू का मंदिरों में प्रवेश वर्जित होना चाहिए ,उत्तर स्पष्टतया है हां और कारण भी स्पष्ट हैं। इसके कारणों को समझने के लिए मैं पांच भागों में बांट रही हूं ।
पहला है आस्था। मंदिर हमारी आस्था का मूल है जो धर्म द्वारा संचालित है जिसकी सनातन धर्म के मूल में आस्था ना हो उसके मंदिर में प्रवेश का कोई प्रयोजन नहीं है।
दूसरा पूजा पद्धति ।मेरे धर्म की पूजा मेरी पद्धति के अनुसार ही हो सकती है जिसको मेरी पूजा पद्धति नहीं पता वह मेरे देवी देवता की किस प्रकार पूजा करेगा अतः हर संप्रदाय की अलग पूजा पद्धति है और उस को मानने वाले ही उससे संबंधित देवता की पूजा करने में समर्थ है ।
तीसरा आचार विचार हर हर संप्रदाय की विभिन्न भोजन पद्धति है हिंदू धर्म का भोजन सात्विक है जो भोजन करने वाले हैं उनका प्रवेश वर्जित होना ही चाहिए।
चौथा पॉइंट है मंदिर कोई पिकनिक पिकनिक स्पॉट नहीं है, जहां पर ड्रेस कोड व धर्म कोड लागू नहीं हो सकता मंदिर देवस्थान है जहां पर नीति नियमों के साथ ही प्रवेश की अनुमति है प्रवेश के पश्चात प्रवेश का प्रयोजन भी वहां के महंत व पुजारी के समक्ष रखा जाना चाहिए।
पांचवा कारण है कि धर्मिक व सामाजिक भावनाएं। जो कि किसी भी सम्प्रदाय के मानने वाले स्वयम ही अनुसरण कर सकते हैं,जिनको नहीं पता कि की किस प्रकार नीति नियमों का पालन करना है वे जाने अनजाने ही सामाजिक व धार्मिक भावनाएं आहत कर सकते हैं ।अतः ऐसी परिस्थिति को आने से पहले रोक देना ही उचित है ।यही हमारे देश की कानून व्यवस्था हमारा आपसी सौहार्द व शांति बनाए रखेगा।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंदिर के बाहर लगा बैनर गैर हिन्दू का प्रवेश वर्जित को पुलिस ने हटाया तथा दर्ज की रिपोर्ट

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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