

जब देश का किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज उद्योग मंडल फिक्की के 93वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा आज अर्थव्यवस्था के संकेत हौसला बढ़ाने वाले हैं। आज संकट के समय भारत ने जो सीखा है, उसने भविष्य के संकल्पों को और दृढ़ किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ”चाहे FDI हो या FPI, विदेशी निवेशकों ने भारत में रिकॉर्ड निवेश किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों की रक्षा को प्राथमिकता दी। उस दिशा में नीतियां बनाईं, फैसले किए। वर्चुअल माध्यम से सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रेरित भारत बनाने में उद्योग जगत की भूमिका पर अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा कि हम लोगों ने 20-20 के मैच में तेज़ी के साथ बहुत कुछ बदलते देखा है। देश, दुनिया इतने उतार-चढ़ाव से गुजरी है कि कुछ वर्षों बाद जब हम कोरोना काल को याद करेंगे तो शायद यकीन ही नहीं आएगा। जितनी तेज़ी से हालात बिगड़े उतनी ही तेज़ी के साथ सुधर भी रहे हैं। आर्थिक संकेत आज आशाएं बढ़ा रहे हैं। कठिन समय के दौरान देश ने बहुत कुछ सीखा है और इसने हमारी आकांक्षाओं को और भी मजबूती प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस महामारी के समय भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी, ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाया। आज इसका नतीजा देश भी देख रहा है और दुनिया भी देख रही है। भारत ने जिस तरह बीते कुछ महीनों में एकजुट होकर काम किया, नीतियां बनाई, निर्णय लिए हैं, स्थितियों को संभाला है। उसने पूरी दुनिया को चकित करके रख दिया है। पूरे देश ने महामारी से लड़ने में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। दुनिया का जो विश्वास बीते छह वर्षाें में भारत पर बना था, वो बीते महीनों में और मजबूत हुआ है। FDI हो या FPI, विदेशी निवेशकों ने भारत में रिकाॅर्ड निवेश किया है और निरंतर कर रहे हैं । आत्म निर्भर भारत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा अनुभव रहा है कि पहले के समय की नीतियों ने कई क्षेत्रों में अदक्षता को संरक्षण दिया, नए प्रयोग करने से रोका। जबकि आत्मनिर्भर भारत अभियान हर क्षेत्र में दक्षता को बढ़ावा देता है ।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों के हित की बात करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र और इससे जुड़े अन्य सेक्टर के बीच की दीवारों को हटाया जा रहा है। इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाज़ार, नए विकल्प और तकनीक का ज़्यादा लाभ मिलेगा। इन सब से कृषि क्षेत्र में ज़्यादा निवेश होगा और इसका सबसे ज़्यादा फायदा देश के किसान को होगा । पहले की नीतियां जो भी रही हों लेकिन आज की नीतियां, ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने के लिए बहुत अनुकूल है। नीति और नीयत से सरकार किसानों का हित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है ।
एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं।
अब है सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं।
देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में तेजी से काम किये गए है।उससे भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है। आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है।
आज भारत मे मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया है। इन सारे प्रयासों का लक्ष्य यही है कि किसानों की आय बढ़े, देश का किसान समृद्ध हो।जब देश का किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा। इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे,नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा।इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा।इन सबका सबसे ज्यादा फायदा मेरे देश के किसान को होने वाला है।