शिकारपुरा में पुलिस विभाग की जमीन पर 59 परिवारों का कब्जा पुलिस और शिकारपुरा रहवासियों में तीखी बहस

प्रज्ञा शर्मा
बुरहानपुर। बुरहानपुर के शिकारपुरा में लंबे समय से पुलिस विभाग के क्वार्टर पर शिकारपुरा के रहवासियों का कुछ जमीन पर काफी समय से कब्जा कर रखे हैं। लगभग 30 साल से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन काफी लंबे समय के बाद पुलिस प्रशासन अब जागा है। और उन लोगों को वहां से हटाने के लिए काफी नए-नए हथकंडे अपनाकर उस जमीन से खाली कराने के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है। लेकिन उस जमीन पर बने हुए मकान के मालिक भी हटाने का नाम नहीं ले रहे है। इस विवाद के चक्कर में शिकारपुरा में पुलिस क्वार्टर पर कब्जा करे लोगों पर पुलिस के द्वारा एफ आई आर दर्ज तक की जा रही है लेकिन अब देखना यह है। कि इस पूरे मामले का किस प्रकार से निराकरण निकलता है। इतना ही नहीं शिकारपुरा के कब्जा धारियों के द्वारा अधिवक्ता के रूप में मनोज अग्रवाल को अपना वकील नियुक्त है किया है।और उनके द्वारा अब इस पूरे मामले को न्यायालय की शरण तक ले जाया जाएगा यह मामले ने नया मोड अपना लिया है। इतना ही नहीं इस मामले में पुलिस के द्वारा असलम खाँ नामक युवक पर अन्य धाराओं में प्रकरण भी दर्ज कर कर लिया गया।
शिकारपुरा में रहने वाले ’’असलम खां’’ के खिलाफ, पुलिस थाना शिकारपुरा टी.आई. (श्री राजेद्र दुबे) ने धारा 151, 107, 116, के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया, जहां से बाद में एस.डी.एम. (काशीराम बडोले) ने उन्हें जेल वारंट बनाकर जेल भेज दिया। ’’असलम खां’’ सहित लगभग 59 लोगो की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल ने, अगले दिन दि. 16.05.2021 के प्रसिद्ध अखबार में छपी खबर का खण्डन करते हुए बताया कि, असलम खां सहित 59 लोगो के परिवार शिकारपुरा के उक्त प्लाॅट (ब्लाॅक नं. 63 के) पर पिछले 30 सालो से अधिक समय से मकान बनाकर रह रहे है, और मा. सुप्रीम कोर्ट की नजीर अनुसार विपरित अधिपत्य (12 साल से शांतीपुर्ण कब्जा) के आधार पर उक्त कब्जेदार उक्त भुमी के मालिक बन चुके है। किंतु पुलिस थाना शिकारपुरा के थाना प्रभारी के अनुसार, उक्त भुमी पुलिस के नाम खसरे में इंद्राज है, और जब शिकारपुरा वासी ’’असलम खां’’ उक्त भुमी पर, पिछले 30 सालो से अधिक समय से बने हुए अपने कच्चे मकान की जगह पर पी.एम.आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत राशी से अपना पक्का मकान बना रहा था, तो पुलिस थाना प्रभारी (श्री राजेंद्र दुबे) ने दि. 15.05.2021 को, उक्त असलम खां की गम्भीर पिटाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। असलम खां की ओर से उनके अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि, पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर बुरहानपुर को मा. उच्च न्यायालय के आदेष दिनांक 23.04.2021 का हवाला देते हुए, गिरफ्तार नही करने (माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना नही करने) का नोटीस/निवेदन दि. 15.05.2021 भेजने के बावजुद, उक्त असलम खां को न केवल गिरफ्तार किया गया बल्कि जेल भी भेज दिया गया। ’’असलम खां’’ के अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने यह भी बताया कि, ’’असलम खां’’ की ओर से पुलिस प्रशासन और स्थानिय प्रशासन के संबंधित अधिकारियो के विरूद्ध मा. उच्च न्यायालय की अवमानना का प्रकरण प्रस्तुत किया जा रहा है। श्री अग्रवाल ने यह भी बताया कि अगले दिन दि. 16.05.2021 को उक्त असलम खां की जमानत हो जाकर उन्हें 16 तारीख की शाम को रिहा कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक बुरहानपुर पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा कहना है

बेसिकली यह अतिक्रमण है।उसकी लीगल कार्यवाही नगर निगम की तरफ से चल रही है।पुलिस इसके अंदर क्या करेंगी पुलिस को यह जमीन आवंटित है। पुलिस उसके मालिक है बेसिकली हम नगर निगम जरिये कार्यवाही करवा रहे है।फिलहाल तो कोरोना है इसमें कार्यवाही नही हो रही है।जैसे भी कोरोना खत्म होंगा कार्यवाही आगे बढ़ेंगी अगर जो भी नियम कानून में आएगा उसके हिसाब से नगर निगम कार्यवाही करेंगी अगर अतिक्रमण तोड़ना है। तो तोडेंगी नही तोड़ना है।तो नगर निगम किलिएर कर देंगी हम दूसरी जमीन लेंगे। अभी इसमें नया मोड़ आयेगा जिस व्यक्ति पर मुकदमा दायर किया गया है जिसने फर्जी डोकोमेंट लगा लगा कर अपनी जमीन बताकर पीएम आवास योजना भी ले रहे है।और वह डोकोमेंट अधिवक्ता के जरिये ही डोकोमेंट लगा रहे है।अभी हम सारे डोकोमेंट की जानकारी प्राप्त कर रहे है।जो भी उसके अंदर दोषी पाया जायेंगा धारा 420,467 की कार्यवाही की जाएंगी जो भी इसके अंदर गलत करते हुए पाया जायेंगा हम जरूर उन पर कार्यवाही करेंगे
प्रवीण सिंह कलेक्टर बुरहानपुर का कहना है

कोई भी वकील अवमानना नोटिस जारी नही कर सकता अवमानना नोटिस कोर्ट जारी करता है।जब कोर्ट का निर्णय होता है तभी कोर्ट अवमानना नोटिस जारी करता है।जब सामने कागज आएंगे तभी बता पाऊंगा बिना कागज देखे इसमें कोई लॉजिक नही है
इनका क्या कहना :-
काशीराम बड़ोले अनुविभागीय अधिकारी बुरहानपुर
इस मामले के बारे में अभी तक कोई जानकारी नही है। जैसे भी मामला सामने आयेगा तब भी बता पाऊँगा

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