“2-डीजी दवा इस चुनौतीपूर्ण समय में आशा की एक नई किरण है,” – दवा के लॉन्च अवसर पर रक्षामंत्री ने कहा

Handed over the first batch of 2-DG anti Covid drug to the Union Health Minister @drharshvardhan after it was released today.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 17, 2021
This 2-DG drug developed by @DRDO_India & DRL is a perfect example of India’s scientific prowess and a milestone in the efforts towards self-reliance. pic.twitter.com/oiuR2VVr2I
अनुभव अवस्थी
कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) की नई दवा 2 DG (2-deoxy-D-glucose) की पहली खेप के तहत 10 हजार डोज सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लॉन्च किया। तीन ट्रायल के बाद 1 मई 2021 को DCGI की ओर से इसके आपातकाल उपयोग की अनुमति मिल गई। पाउडर के रूप में इस ड्रग को एक सैशे में दिया जाएगा जो पानी में घोलकर लेना होगा। यह संक्रमित कोशिकाओं पर जाकर वायरस की वृद्धि को रोकने में सक्षम है।

इस अवसर पर बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ और डीआरएल, हैदराबाद को दवा के निर्माण के लिए बधाई दी, जो COVID रोगियों को ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करने और जल्दी ठीक होने में मदद करेगी। उन्होंने दवा को देश के वैज्ञानिक कौशल का एक आदर्श उदाहरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। “2-डीजी दवा इस चुनौतीपूर्ण समय में आशा की एक नई किरण है,” श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि यह दवा COVID-19 के खिलाफ लड़ाई जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा, विकास और उत्पादन दवा इस चुनौतीपूर्ण समय में राष्ट्र की मदद करने के लिए सार्वजनिक-निजी क्षेत्र की साझेदारी का एक चमकदार उदाहरण है। उन्होंने आगे कहा कि जब स्थिति में सुधार होता है, तो वह व्यक्तिगत रूप से उन वैज्ञानिकों को सम्मानित करना चाहेंगे जिन्होंने दवा के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई क्योंकि वे इस उपलब्धि के लिए श्रेय के पात्र हैं।
इस ड्रग के बारे में मैं कहूँगा कि यह आशा और उम्मीद की एक नई किरण है। लेकिन अभी हमें निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है, और न ही थकने, और थमने की जरूरत है। क्योंकि यह wave दूसरी बार आई है, और आगे भी इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है। हमें पूरी सतर्कता के साथ कदम आगे बढ़ाने होंगे।
हमने हर समय स्थिति को हमने काफी गंभीरता से लिया है। चाहे वह oxygen supply का मामला हो, medicines का मामला हो, ICU beds की बात हो या cryogenic tankers की व्यवस्था की बात हो, एक collective effort किया गया है जिसका अच्छा परिणाम सामने आया है। कोरोना के खिलाफ जंग में डीआरडीओ की नई दवा उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। इस दवा का नाम 2-डीऑक्सि-डी-ग्लूकोज (2-DG) है। डीआरडीओ की यह दवा ऐसे समय में आई है, जब कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है और तीसरी लहर की बात हो रही है। कोरोना की देसी दवा 2-डीजी पाउडर के रूप में पैकेट में आती है और इसे पानी में घोल कर पीना होता है।
यहां उपस्थित सभी संस्थानों के प्रमुखों से मैं, कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आग्रह करता हूं। आप सभी लोगों के सम्मिलित प्रयासों से यह देश, बड़े से बड़े संकटों का सामना कर सकेगा, उसमें विजयी हो सकेगा, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। मुझे बताया गया, कि इसके प्रयोग से सामान्य उपचार की अपेक्षा लोग ढाई दिन जल्दी ठीक हुए हैं। साथ ही ऑक्सीजन dependency भी लगभग 40 फ़ीसदी तक कम देखने को मिली है। इसका पाउडर फॉर्म में होना भी इसकी एक बड़ी खासियत है। इसे ORS घोल की तरह इसका इस्तेमाल लोग बड़ी आसानी से कर सकेंगे।
अब तक हम डिफेंस के क्षेत्र में डीआरडीओ और प्राइवेट पार्टनरशिप की बात करते थे। आज हेल्थ के सेक्टर में भी डीआरडीओ और प्राइवेट सेक्टर की पार्टनरशिप का इतना अच्छा परिणाम देख कर मुझे वाकई बहुत खुशी हो रही है। इन सब कठिनाइयों से गुजरते हुए भी हमने यह सुनिश्चित किया है कि सीमा पर हमारी तैयारियों पर कोई प्रभाव न पड़े। हमारी सेनाओं के जोश और उत्साह में कहीं भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। हमें यह अच्छी तरह मालूम है, कठिनाई कितनी ही बड़ी क्यूँ न हो, हम उस पर विजय पा लेंगे।
हमारी वायुसेना और नौसेना के जहाजों ने भी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर, कंटेनर्स, कंसंट्रेटर्स, टेस्ट किट्स के ट्रांसपोर्टेशन में अपनी भूमिका निभाई है। military hospitals में भी इलाज की सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया गया है।
मुझे यह बताते हुए ख़ुशी होती है कि मेडिकल कोर ने अपने retired डाक्टरों को भी दुबारा सेवा में लाने का निर्णय लिया है ताकि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक मज़बूती दी जा सके। मैं ऐसे चिकित्सकों की हृदय से सराहना करता हूँ जो अपनी service के बाद भी इस अभियान से जुड़ रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
जी ने कई निर्देश जारी किए हैं जिसके अंतर्गत ज्यादा door to door testing की जा रही है, और ASHA और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सभी आवश्यक tools द्वारा empower किया गया है। ऑक्सिजन का ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण, ट्रेनिंग इत्यादि शामिल हैं।