
कोरोना वायरस संक्रमण ने पिछले कुछ समय में जैसी भयावह स्थिति दुनिया में लाया है , इसके भयानक परिणाम को देख कर समूची दुनिया स्तब्ध मात्र रह गई । दुनिया भर के सभी विकसित देश इस वायरस के संक्रमण के सामने परास्त होने लगे थे । एक वायरस ने समूचे विश्व में हाहाकार मचा दिया अपने प्रकोप से। पर अब इस वायरस के समाप्त होने के दिन आ रहे हैं । |

ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस वैक्सीन से दुनियाभर को उम्मीदें हैं. दुनिया में अभी जितनी भी वैक्सीन पर काम चल रहा है, उनमें ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को महत्वपूर्ण समझा जा रहा है. इस वैक्सीन के भारत में उत्पादन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को पहले ही अनुमति मिल चुकी है. अब खबर आई है कि भारत सरकार सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन की खरीद करेगी और लोगों को मुफ्त में देगी.
सीरम इंस्टीट्यूट को दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक संस्था कहा जाता है. सीरम इंस्टीट्यूट न सिर्फ ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन बल्कि कई अन्य वैक्सीन कैंडिडेट का उत्पादन कर रही है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वाली कोरोना वैक्सीन का भारत में उत्पादन Covishield के नाम से होगा.
ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का अधिकार एस्ट्रेजेनका कंपनी को है. एस्ट्रेजेनका कंपनी के साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट ने करार किया है. इस करार के तहत सीरम इंस्टीट्यूट न सिर्फ भारत बल्कि 92 देशों में वैक्सीन की सप्लाई कर सकती है.
भारत में पहली कोरोना वैक्सीन ‘कोविशिल्ड’ को लेकर खबर आ रही है कि ये 73 दिनों में देश के लोगों उपलब्ध कराई जाएगी। कोविशिल्ड को पुणे की बायोटेक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट बना रही है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार भारतीयों को कोरोना का मुफ्त टीका लगाएगी।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने हाल ही में एक मीडिया संस्थान से बातचीत में बताया कि ‘भारत सरकार ने हमें विशेष निर्माण प्राथमिकता लाइसेंस दिया है। इसके तहत हमने ट्रायल प्रोटोकॉल की प्रक्रिया को तेज कर दिया है ताकि ट्रायल 58 दिनों में पूरा हो सके। इस तरह आज से तीसरे फेज के ट्रायल का पहला डोज दिया गया है, दूसरा डोज आज से 29 दिनों के बाद दिया जाएगा।’ ट्रायल का अंतिम डाटा दूसरा डोज दिए जाने के 15 दिन के बाद सामने आएगा।